हाल ही में एक छात्र ने शिकायत की कि क्लास में जो क्वेश्चन कराए जा रहे हैं, वो JEE Main और Advance लेवल के हैं, जबकि कहा गया है कि 2026 का NEET पेपर 12वीं स्तर का होगा। छात्र ने यह दावा कुछ वायरल बयानों के आधार पर किया, जिनमें कहा गया कि पेपर आसान होगा। लेकिन क्या केवल इस उम्मीद पर तैयारी को हल्का लिया जा सकता है?
पेपर कैसा भी हो, तैयारी में संतुलन जरूरी है
सच्चाई यह है कि पेपर का स्तर – आसान या कठिन – किसी को नहीं पता होता। NTA कई सेट तैयार करता है और अंत में किसी एक को चुनता है। ऐसे में छात्रों को हर तरह के सवालों के लिए तैयार रहना चाहिए। केवल आसान सवालों की नहीं, बल्कि कठिन सवालों की भी बराबर प्रैक्टिस करनी चाहिए।
बेसिक समझें, सीक्वेंस में तैयारी करें

तैयारी की शुरुआत बेसिक से होनी चाहिए। कांसेप्ट को समझना, फार्मूले याद रखना और उन्हें सवालों में लगाना – ये सीक्वेंस बहुत जरूरी है। साथ ही पुराने वर्षों के पेपर्स जैसे 2022, 2023 और 2024 के साथ-साथ 2016 और 2025 जैसे अनएक्सपेक्टेड पेपर्स को भी ध्यान में रखकर तैयारी करनी चाहिए।
टारगेट सेट करें और उसी हिसाब से मेहनत करें
हर छात्र को अपनी क्षमता और लक्ष्य के अनुसार पढ़ाई करनी चाहिए। अगर लक्ष्य सिर्फ 100 नंबर का है, तो बेसिक क्लास और DPP काफी हो सकते हैं। लेकिन अगर लक्ष्य 160–180 नंबर का है, तो हर असाइनमेंट, हर कठिन सवाल को गंभीरता से लेना होगा। लक्ष्य तय कीजिए और उसी दिशा में डटकर मेहनत कीजिए।
मेहनत करने वाला ही सफल होगा, पेपर जैसा भी हो
इतिहास गवाह है कि चाहे पेपर आसान आया हो या कठिन, सफलता उसी को मिली है जिसने मेहनत की है। पेपर की प्रकृति बदलती रहती है, लेकिन तैयारी का तरीका स्थिर और संतुलित होना चाहिए। सिर्फ अफवाहों पर ध्यान देने से बेहतर है कि तैयारी पूरी ईमानदारी से की जाए।
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