देशभर में हर साल मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाई जाती हैं ताकि ज्यादा छात्रों को पढ़ाई का मौका मिल सके। लेकिन इस साल ऐसा नहीं होगा। वजह है – एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला, जो एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन) की वेबसाइट पर सामने आया है।
एनएमसी में घोटाला: इंस्पेक्शन में मिली गड़बड़ियां
एनएमसी की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक मई महीने में एक सीनियर डॉक्टर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया। यह डॉक्टर मेडिकल कॉलेजों की इंस्पेक्शन यानी जांच का काम करता था। आरोप है कि इस डॉक्टर ने एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को फर्जी तरीके से पास करने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत ली। कॉलेज में जरूरी सुविधाएं नहीं थीं, लेकिन फिर भी उसने पॉजिटिव रिपोर्ट तैयार कर दी।
रिश्वत के बदले मंजूरी, अब सीटें नहीं बढ़ेंगी

सीबीआई जांच में सामने आया कि ऐसे और भी कई डॉक्टर और कॉलेज की अथॉरिटी इसमें शामिल हो सकते हैं। एनएमसी ने इसे गंभीरता से लेते हुए आरोपी डॉक्टर को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। साथ ही ये फैसला लिया गया है कि जिन कॉलेजों का इंस्पेक्शन विवादित है या जिनका अप्रूवल पेंडिंग था, वहां अब 2025 और 2026 में यूजी और पीजी कोर्सेस की सीटें नहीं बढ़ेंगी।
छात्रों को नुकसान, एनएमसी की सख्ती
इस घोटाले की वजह से अब कई छात्रों का नुकसान होगा। जिन कॉलेजों ने अपनी सुविधाओं के आधार पर सीटें बढ़ाने की अर्जी डाली थी, वो भी इस जांच की वजह से रुक गई हैं। एनएमसी ने साफ कर दिया है कि जब तक सभी रिपोर्ट्स की सही से जांच नहीं हो जाती, तब तक किसी भी कॉलेज को नई सीटों की मंजूरी नहीं मिलेगी।
करप्शन पर नो टॉलरेंस, एनएमसी की सख्त नीति
एनएमसी ने भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ‘नो टॉलरेंस’ पॉलिसी को दोहराया है। जिन डॉक्टरों ने नियमों का उल्लंघन किया है, उनके खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है। भविष्य में उनके लाइसेंस तक रद्द किए जा सकते हैं। यह एक बड़ा संदेश है कि डॉक्टर बनने से पहले एक अच्छा इंसान बनना ज्यादा जरूरी है। सिर्फ पैसा कमाना ही लक्ष्य नहीं होना चाहिए, ईमानदारी सबसे बड़ा मूल्य है।
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