इस शुक्रवार OTT पर रिलीज़ हुई Netflix की नई फिल्म टेस्ट चर्चा में है। एक स्पोर्ट्स ड्रामा जो दिखाने की कोशिश करता है क्रिकेट, इमोशन और थ्रिलर का एक अनोखा मेल। लेकिन क्या ये फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरती है? चलिए इस रिव्यू में जानते हैं।
फिल्म टेस्ट की कहानी एक ऐसे क्रिकेटर के इर्द-गिर्द घूमती है जिसका टेस्ट करियर शानदार चल रहा था, लेकिन अब उसकी फॉर्म डाउन है। टीम मैनेजमेंट उसे ड्रॉप करने की योजना बना रहा है। ऐसे में वो अपना फाइनल टेस्ट मैच खेलने जा रहा होता है, तभी अचानक उसकी जिंदगी एक भयानक मोड़ लेती है।
मैच के दिन ही उसका बच्चा किडनैप हो जाता है। किडनैपर्स की शर्त सीधी है – “तुझे इंडिया को हराना है, वरना तेरा बच्चा तुझसे हार जाएगा।” अब इस चुनौती के बीच क्या वो अपने देश से हार जाएगा या अपने बच्चे को बचा पाएगा? ये जानने के लिए आपको ये फिल्म देखनी पड़ेगी, जो कि Netflix पर हिंदी डब में उपलब्ध है।
फिल्म की अवधि और भाषा
टेस्ट फिल्म की कुल अवधि 2 घंटे 26 मिनट है और ये हिंदी डब में उपलब्ध है। अगर एक लाइन में इसका रिव्यू किया जाए तो कहा जा सकता है – “It’s a decent one-time watch.”
फिल्म की थीम और ट्रीटमेंट
अगर आपको 2016 की फिल्म Dishoom याद है, जिसमें एक क्रिकेटर को किडनैप कर लिया गया था, तो आपको टेस्ट में वैसी ही वाइब देखने को मिल सकती है। हालांकि Dishoom में मसाला, एक्शन और फास्ट-पेस स्टोरी थी, वहीं टेस्ट एक स्लो-बर्न ड्रामा है जिसमें इमोशनल एंगल और कैरेक्टर डेवेलपमेंट पर ज्यादा फोकस किया गया है।
कहानी में मुख्य रूप से तीन कैरेक्टर्स हैं – एक तो क्रिकेटर, दूसरा उसकी पुरानी फ्रेंड और तीसरा उसका हस्बैंड। इन तीनों की ज़िंदगी आपस में जुड़ी हुई है और फिल्म इन्हीं के इमोशनल कनेक्शन को गहराई से दिखाती है।
थ्रिल की कमी
अगर आप सोच रहे हैं कि टेस्ट एक आउट एंड आउट थ्रिलर मूवी है, तो आपको निराशा हो सकती है। फिल्म थ्रिलर का वादा तो करती है, लेकिन असल में यह एक स्लो ड्रामा है जिसमें थ्रिल का पार्ट बहुत ही कम है। हां, अगर आप स्लो ट्रीटमेंट और डीप कैरेक्टर स्टोरीज़ पसंद करते हैं, तो कुछ हिस्सों में यह फिल्म आपको पसंद आ सकती है।
एक्टिंग और कैरेक्टर्स की बात करें तो…

फिल्म में आर. माधवन, नयनतारा और सिद्धार्थ मुख्य भूमिकाओं में हैं। आर. माधवन जब भी ग्रे कैरेक्टर निभाते हैं, तो स्क्रीन पर छा जाते हैं – और यहां भी उन्होंने अपने रोल को बेहतरीन अंदाज़ में निभाया है। उनके किरदार का शेड, प्रेजेंटेशन और डायलॉग डिलिवरी वाकई इंप्रेस करती है।
नयनतारा ने भी अपने किरदार में जान डाली है। सिद्धार्थ ने भी अपनी भूमिका को अच्छे से निभाया है और उनका परफॉर्मेंस विश्वसनीय लगता है।
प्रोडक्शन वैल्यू और तकनीकी पहलू
फिल्म की प्रोडक्शन क्वालिटी अच्छी है। क्रिकेट के सीन्स पर अच्छा फोकस किया गया है। शॉट्स और स्टेडियम के सीन्स विजुअली अच्छे लगते हैं, हालांकि एक्स्ट्राऑर्डिनरी नहीं हैं।
फिल्म में कुछ गाने भी हैं, लेकिन वो उतना खास प्रभाव नहीं छोड़ते। हां, बैकग्राउंड स्कोर ठीक-ठाक है।
डबिंग और कंटेंट गाइडलाइन
हिंदी डबिंग अच्छी है और कानों को अखरती नहीं है। फिल्म में कोई न्यूड सीन नहीं है, जिससे यह फैमिली ऑडियंस के लिए भी उपयुक्त बनती है। कुछ इमोशनल सीन्स हैं जो दिल को छूते हैं।
फाइनल वर्डिक्ट
अगर आप टेस्ट को देखने की योजना बना रहे हैं, तो अपनी उम्मीदें बहुत ज्यादा ना रखें। फिल्म एक इंटेंस थ्रिलर नहीं है, बल्कि एक इमोशनल ड्रामा है जिसमें कैरेक्टर पर फोकस ज्यादा है और थ्रिल कम। अगर आप स्लो ट्रीटमेंट वाली स्टोरीज़ पसंद करते हैं तो इसे एक बार देख सकते हैं।